अधिनियम, 1959 में रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना और नियोक्ताओं द्वारा रोजगार कार्यालयों को रोजगार विवरणिकाएं (ईआर-
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रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959 I इस अधिनियम के अंतर्गत रोजगार कार्यालयों को विभिन्न रिक्तियों की अधिसूचना निकालनी अनिवार्य होंगीं।
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चिदंबरम ने बताया कि कैबिनेट ने रोजगार कार्यालय (पदों की अनिवार्य अधिसूचना) संशोधन विधेयक 2012 को संसद में पेश करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी।
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रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959 में रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना और नियोक् ताओं द्वारा रोजगार कार्यालयों को रोजगार विवरणिकाएं (ईआर-I और ईआर-II) प्रस् तुत करने का प्रावधान किया गया है।
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रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959 में रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना और नियोक् ताओं द्वारा रोजगार कार्यालयों को रोजगार विवरणिकाएं (ईआर-I और ईआर-II) प्रस् तुत करने का प्रावधान किया गया है।
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यह रोजगार केन् द्र (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959 और उसके अधीन बनाए गए नियमों (रोजगार केन् द्र (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) नियमावली, 1960). के जरिए कार्य संचालन करता है।
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यह रोजगार केन् द्र (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम, 1959 और उसके अधीन बनाए गए नियमों (रोजगार केन् द्र (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) नियमावली, 1960). के जरिए कार्य संचालन करता है।
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अपर महाधिवक्ता सीवी यादव 23 अगस्त 11 से टीईटी अनिवार्य अधिसूचना आने के बाद नवंबर 11 तक नियुक्त हुए हजारों विशिष्ट बीटीसी के बारे में कोई स्पष्ट बात नहीं की और कहा कि इन नियुक्तियों को किसी याचिका में चुनौती नहीं दी गई है।
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संसद समिति की संस् तुतियों के कार्यान् वयन के फलस् वरूप 1956 से सेवायोजन कार्यालयों का दैनिक प्रशासन केन् द्रीय सरकार ने प्रदेश शासन को हस् तान् तरित कर दिया गया तथा सेवायोजन कार्यालयों ने अनुपालन की जाने वाली नीति एवं प्रक्रिया के अधिक प्रभाविक बनाने के उद्देश् य से 1959 में भारतीय संसद ने सेवायोजन कार्यालय (रिक् तियों का अनिवार्य अधिसूचना) “ अधिनियम,1959 ” पारित किया गया, जिसे मई,1960 से पूरे देश में (जम् मू कश् मीर के अतिरिक् त) प्रभावी किया गया ।